
जिला न्यायालय परिसर, ललितपुर में 10 मई 2025 को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली तथा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार जनपद न्यायाधीश श्री नरेन्द्र कुमार झा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। अपर जिला जज (प्रथम) श्री यादवेन्द्र सिंह और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री मयंक जायसवाल की देख-रेख में सम्पन्न इस कार्यक्रम में सरकारी एवं निजी विभागों के अधिकारी-कर्मचारी, अधिवक्ता तथा वादी-प्रतिवादी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
मुख्य आकर्षण एवं सेवा गतिविधियाँ
- माननीय जनपद न्यायाधीश द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से न्यायालय परिसर में एक वाटर कूलर का अनुदान।
- दिव्यांग विभाग द्वारा दो व्हील चेयर का वितरण।
- न्यायालय परिसर में मेडीकल हेल्थ चेक-अप कैम्प का आयोजन।
- जिला कारागार निरुद्ध बंदियों द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी।
वादों का निस्तारण एवं समझौता राशि
- कुल वाद निस्तारित: 39,910
- कुल समझौता धनराशि: ₹58,209,764
न्यायिक अधिकारियों के योगदान (चयनित आंकड़े)
- श्री नरेन्द्र कुमार झा, जनपद न्यायाधीश: 5 वाद, ₹700 की राशि।
- श्री यादवेन्द्र सिंह, अपर जिला जज (प्रथम): 10 वाद, ₹500।
- श्री सुनील सिंह, अपर जिला जज (एससी/एसटी एक्ट): 4 वाद, ₹10,500।
- मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री विभान्शु सुधीर: 4,940 वाद, ₹2,05,800 जुर्माना।
- सिविल जज (सी.डी.) श्री रवि शंकर गुप्ता: 1,029 वाद, ₹5,48,100।
- देशनगरीय बैंकों के वकीलों और अधिकारियों ने 317 वाद निस्तारित कर ₹5,37,42,592 की बड़ी समझौता राशि सुनिश्चित की।
- भारत संचार निगम लिमिटेड: 18 वाद, ₹5,20,508।
- श्रीराम फाइनेंस लिमिटेड: 7 वाद, ₹2,08,000।
- जिला कारागार निरूद्ध बंदियों की उत्पाद प्रदर्शनी ने लोक अदालत को पारस्परिक सहयोग का संदेश दिया।
विविध श्रेणियों का योगदान
- परिवार न्यायालय के 5 वैवाहिक वादों में समझौता, सभी दम्पतियों को माला पहनाकर विदा।
- मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने 25 वादों में ₹18,55,000 का प्रतिकर दिलाया।
- जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के 2 वादों में ₹3,73,482 |
इस अवसर पर जिलाधिकारी ललितपुर सहित सभी न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्ता, बैंक अधिकारी तथा वादकारीगण उपस्थित रहे। राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से लोगों को बिना लंबित मुकदमों के त्वरित एवं किफायती न्याय उपलब्ध कराने का यह एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिसने व्यापक स्तर पर सुलह-समझौते को प्रोत्साहित किया।