
जनशिकायतों/आईजीआरएस संदर्भों के ससमय निस्तारण व शिकयतकर्ताओं की संतुष्टि हेतु जिलाधिकारी श्री अक्षय त्रिपाठी की अध्यक्षता में समस्त विभागाध्यक्षों के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में अपर जिलाधिकारी अंकुर श्रीवास्तव ने पीपीटी के माध्यम से विभागवार जनशिकायतों का ब्यौरा प्रस्तुत किया, जिसमें बताया गया कि अप्रैल माह में कुल 715 फीडबैक मिले, जिनमें से 408 असंतोषजनक हुए, इस प्रकार माह अप्रैल में जनपद को 30 में से कुल 8 अंक मिले।
इसके अलावा माह में 326 नेगेटिव फीडबैच हुए और असंतोषजनक 408 फीडबैक में संबंधित अधिकारियों द्वारा मात्र 231 आवेदकों से संपर्क किया गया, 177 आवेदकों से संपर्क नहीं किया गया, अतः नवीन शासनादेश के अंतर्गत इस बिंदु में जनपद को 10 में से मात्र 2 अंक ही प्राप्त हुए।
इस स्थिति पर जिलाधिकारी ने घोर नाराजगी जाहिर करते हुए सम्बंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और निर्देश दिए कि जनशिकायतों के निस्तारण में काफी हद तक शिकायतकर्ताओं द्वारा असंतुष्टि दर्ज करायी है, यह स्थिति अत्यन्त खेदजनक है, जिससे स्पष्ट हो रहा है कि अधिकारी स्वयं शिकायतों का रिव्यू नहीं कर रहे हैं, अधीनस्थ स्टाफ के भरोसे शिकायतों का निस्तारण कराया जा रहा है। उन्होंने निर्देश दिये कि समस्त अधिकारी अपनी लॉगइन आईडी से आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों का प्रतिदिन रिव्यू करें, अब से जो भी संदर्भ संबंधित अधिकारी निस्तारित करे, उसके संबंध में आवेदक को पहले अवगत कराए, मौके पर जाकर शिकायकर्ताओं का पक्ष सुने व पूरी गंभीरता के साथ शिकायतकर्ता की संतुष्ठ करते हुए गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि शिकायतों के निस्तारण में जनपद की स्थिति खराब है, इसमें सुधार न हुआ तो संबंधित अधिकारी को अपने समक्ष बुलाकर प्रत्येक कार्य दिवस में आवेदक को कॉलिंग कराई जाएगी, जिसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होंगे।